श्री नृसिंह सरस्वती अष्टक

स्तोत्र - मंत्र  > श्री सद्‌गुरु स्तोत्र Posted at 2017-01-07 17:29:30
नृसिंह सरस्वती अष्टक . इन्दु कोटी तेज करूणासिंधु भक्त वत्सलम नंदनात्रिसुनूदत्त मिन्दिराक्ष श्रीगुरूम | गंध माल्य अक्षतादि वृंददेव वंदितम वंदयामि नारसिंह सरस्वतीश पाहि माम ||१|| . माया पाश अंधकार छायादूर भास्करम आयताक्ष पाहि श्रियावल्लभेशनायकम | सेव्य भक्त-वृंद वरद भूयो भूयो नमाम्यहम वंदयामि नारसिंह सरस्वतीश पाहि माम||२|| . कामादि शन्मत्ता गजां कुसम त्वाम चित्त जादि वर्ग षटक मत्त वारणांकुशम | तत्व सार शोभित आत्म दत्त श्रिया वल्लभम वंदयामि नारसिंह सरस्वतीश पाहि माम ||३|| . व्योम तेज वायू आप भूमी कर्तुम इश्वरम काम क्रोध मोह रहित सोम सूर्य लोचनम | कामितार्थ दातृभक्त कामधेनू श्रीगुरुम वंदयामि नारसिंह सरस्वतीश पाहि माम ||४|| . पुन्डरीक आयताक्ष कुंद लेंदु तेजसम चंड दुरित खंडनार्थ दंडधारि श्रीगुरुम | मण्डलीक मौली मार्तंडभासिताननम वंदयामि नारसिंह सरस्वतीश पाहि माम||५|| . वेद शास्त्र स्तुत्य पाद आदि मूर्ती श्रीगुरुम नाद बिंदू कलातीत-कल्पपाद सेव्ययम| सेव्य भक्त वृंद वरद भूयो भूयो नमाम्यहम वंदयामि नारसिंह सरस्वतीश पाहि माम||६|| . अष्ट योग तत्व निष्ठ तुष्ट ज्ञान वारिधीम कृष्णा वेणी तीर वास पंचनदी सेवनम| कष्ट दैन्य दूरी भक्त तुष्ट काम्य दायकम वंदयामि नारसिंह सरस्वतीश पाहि माम||७|| . नारसिंह सरस्वती नाम अष्ट मौक्तीकम हारकृत शारदेन गंगाधर आत्मजम| धारणीक देव दीक्ष गुरुमूर्ती तोषितम वंदयामि नारसिंह सरस्वतीश पाहि माम||८|| . परमात्मा नंद श्रिया पुत्र पौत्र दायकम, नारसिंह सरस्वतीय अष्टकं च यः पठेत घोर संसारसिंधू तारणाख्य साधनम, सारज्ञानदीर्घाअयुरारोग्यादिसंपदम, चारु वर्ग काम्य लाभ वारंवार यज्जपेत| . इति श्री गुरुचरित्रांतर्गत श्री नरसिंहसरस्वती अष्टक संपूर्णम|

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