सर्व-कामना-सिद्धि स्तोत्र

स्तोत्र - मंत्र  > संकीर्ण इतर स्तोत्र Posted at 2016-11-17 14:01:45
सर्व-कामना-सिद्धि स्तोत्र  एखादा महत्वाचा संकल्प करून हे स्तोत्र रोज पठण केल्याने  संकल्पित इच्छा पूर्ण होण्यास किंवा त्याचे संकेत मिळण्यास मदत होते .. स्तोत्र जप आदी पठण चालू असताना सात्विक आहार आचरण असावे.. श्री हिरण्य-मयी हस्ति- वाहिनी, सम्पत्ति-शक्ति-दायिनी। मोक्ष-मुक्ति-प्रदायिनी, सद्-बुद्धि-शक्ति-दात्रिणी ।।१।। सन्तति-सम्वृद्धि-दायिनी, शुभ-शिष्य-वृन्द- प्रदायिनी। नव-रत्ना नारायणी, भगवती भद्र- कारिणी ।।२।। धर्म-न्याय-नीतिदा, विद्या-कला-कौशल्यदा। प्रेम-भक्ति-वर-सेवा-प्रदा, राज-द्वार-यश-विजयदा ।।३।। धन-द्रव्य-अन्न-वस्त्रदा, प्रकृति पद्मा कीर्तिदा। सुख-भोग-वैभव-शान्तिदा, साहित्य-सौरभ-दायिका ।।४।। वंश-वेलि-वृद्धिका, कुल-कुटुम्ब-पौरुष-प्रचारिका। स्व-ज्ञाति-प्रतिष्ठा-प्रसारिका, स्व-जाति-प्रसिद्धि-प्राप्तिका ।।५।। भव्य-भाग्योदय-कारिका, रम्य-देशोदय-उद्भाषिका। सर्व-कार्य-सिद्धि-कारिका, भूत-प्रेत-बाधा-नाशिका ।।६।। अनाथ-अधमोद्धारिका, पतित-पावन-कारिका। मन-वाञ्छित॒फल-दायिका, सर्व-नर-नारी-मोहनेच्छा- पूर्णिका ।।७।। साधन-ज्ञान-संरक्षिका, मुमुक्षु-भाव-समर्थिका। जिज्ञासु-जन-ज्योतिर्धरा, सुपात्र-मान-सम्वर्द्धिका ।।८।। अक्षर-ज्ञान-सङ्गतिका, स्वात्म-ज्ञान-सन्तुष्टिका। पुरुषार्थ-प्रताप-अर्पिता, पराक्रम-प्रभाव-समर्पिता ।।९।। स्वावलम्बन-वृत्ति-वृद्धिका, स्वाश्रय-प्रवृत्ति-पुष्टिका। प्रति-स्पर्द्धी-शत्रु-नाशिका, सर्व-ऐक्य-मार्ग- प्रकाशिका ।।१०।। जाज्वल्य-जीवन-ज्योतिदा, षड्-रिपु-दल-संहारिका। भव-सिन्धु-भय-विदारिका, संसार-नाव-सुकानिका ।।११।। चौर-नाम-स्थान-दर्शिका, रोग-औषधी-प्रदर्शिका। इच्छित-वस्तु-प्राप्तिका, उर-अभिलाषा-पूर्णिका ।।१२।। श्री देवी मङ्गला, गुरु-देव-शाप-निर्मूलिका। आद्य-शक्ति इन्दिरा, ऋद्धि-सिद्धिदा रमा ।।१३।। सिन्धु-सुता विष्णु-प्रिया, पूर्व-जन्म-पाप-विमोचना। दुःख-सैन्य-विघ्न-विमोचना, नव-ग्रह-दोष-निवारणा ।।१४।।  

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